मंगलवार, 17 सितंबर 2013

अब कहाँ मदर इण्डिया ?-लघु कथा


गैंगरेप के केस में एक अपराधी को नाबालिग होने के कारण मात्र तीन वर्ष की सज़ा सुनाई गयी और अन्य अपराधियों को फाँसी की सज़ा . नाबालिग अपराधी की माँ दुआ में हाथ जोड़ते हुए बोली -” अल्लाह तेरा शुक्र है तूने मेरी औलाद को जिंदगी बख्श दी .” तभी उसे लगा कोई उसके कान में कह रहा है -” ज़लील औरत तेरी औलाद ने ऐसा कुकर्म किया है कि अल्लाह उसे कभी माफ़ नहीं कर सकता !बेहतर होता तू खुद उसके लिए फाँसी की मांग करती …खैर …गुनाहगार का साथ देने वाली तूने उस बिटिया के लिए भी कभी दुआ में हाथ उठाए जो तेरी औलाद की दरिंदगी की शिकार हुई …नहीं ना ! जा आज से तू भी अल्लाह की नज़र में गुनाहगार हो गयी !!” नाबालिग अपराधी की माँ के दुआ के लिए उठे हाथ शर्मिंदगी में खुद-बी-खुद अलग हो गए .

शिखा कौशिक ‘नूतन’



2 टिप्‍पणियां:

Asha Joglekar ने कहा…

सच्ची घटना पर सुंदर लघुत्तम कथा।
काम तो उसने वयस्कों को भी शरमिंदा करने वाले किये फिर कम से कम 10 साल की जेल तो बनती थी।

डा श्याम गुप्त ने कहा…

सच बयां....